Sunday 12 January 2014

जीवन बहुत कीमती है, use it.....

 ये एक सत्य घटना है. करीब सौ साल पहले एक समृद्ध आदमी ने जब सुबह का newspaper उठाया तो वो दंग रह गया. उसमे उसकी मृत्यु की खबर छपी हुई थी. पहले तो उसे यकीन नहीं हुआ, वो थोडा हडबडा सा गया. पर जब उसे एहसास हुआ की, अखबार वालो ने ग़लतफहमी के कारण किसी और की जगह उसकी मृत्यु की ख़बर छाप दी है तो उसे पहले थोडा गुस्सा आया. आखिर ऐसा भी भला कोई करता है?

 फिर उसे थोड़ी हँसी आई, उन लोगों की मूर्खता पर जो इसे सच मान बैठे होंगे. पर फिर उसने स्तिथि पर  विचार किया. उसने सोचा की, “जरा देखा तो जाए, की मेरे मरने पर क्या क्या छपा है.”    वो बड़ा दुखी हुआ, जब पढ़ा की पूरे अख़बार में उसे ‘मौत का सौदागर’ और dynamite king’ से संबोधित किया गया है. दरअसल, इस व्यक्ति ने ‘dynamite’ का अविष्कार किया था. उन्होंने सोचा की क्या लोग मुझे मेरे मरने के बाद इस तरह याद करेंगे? की मैं मौत का सौदागर था? “नहीं ऐसा नहीं हो सकता”, उसने सोचा.

इस घटना के बाद उसने अपने जीवन को कुछ इस तरह बदल दिया की लोग उन्हें आज ‘मौत
का सौदागर’ नहीं, बल्कि दुनिया के सबसे विश्वसनीय सम्मान ‘Nobel Prize’ की वजह से जानते है. इस व्यक्ति का नाम Sir Alfred Nobel था, जिनकी याद में Nobel Prize दिया जाता है.

 तो देखिये दोस्तों, उन्हें तो जीते जी इस बात का पता पड़ गया की लोग उनकी मौत पर क्या प्रतिक्रिया देंगे. और अखबार की एक गलती से उन्हें अपनी गलती का आभास हुआ. आज हम सभी उन्हें आदर से याद करते है. 

हमे शायद दूसरा मौका न मिले, इसलिए चलिए यही कोशिश करते है, की जब भी हम जाए. तो लोग हमे याद करे की, “यार वो बंदा बहुत अच्छा था.”


plzzz read this heart touching story carefully 
aur aaapko pasand aaye to comment karke zaruru bataye  


All the Best...

 












Tuesday 7 January 2014

बन्दे है हम उसके

आस्मां की छ्त पे, है अपनी दुनिया
खिलखिलाती जिसमे, है अपनी खुशियां

चांद की छलनी लिए, तारे चुनते है हम
जादुई है ये जहां, हैं ही कोइ हम

बन्दे हैं हम उसके, हमपे किस का जोर
उम्मीदो के सूरज, निकले चारो ओर
इरादे हैं फौलादी, हिम्मती हर कदम
अपने हाथों किस्म्त लिखने, आज चले हैं हम


आस्मां की छ्त पे, है अपनी दुनिया
खिलखिलाती जिसमे, है अपनी खुशियां

सूरज की पलको तले, धूप बनते है हम
जादुई है ये जहां, हैं ही कोइ हम

बन्दे हैं हम उसके, हमपे किस का जोर
उम्मीदो के सूरज, निकले चारो ओर
इरादे हैं फौलादी, हिम्मती हर कदम

अपने हाथों किस्म्त लिखने, आज चले हैं हम

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Tuesday 31 December 2013

WISH You ALL HAPPY NEW YEAR

First Time, I want to share Something with you all, Hope you like it :
  1.  May this NEW YEAR bring many opportunities for you, To explore every   JOY of LIFE and turning all yours DREAMS into REALITY and your EFFORTS into great ACHIEVEMENTS.
  2. Do you know What you are,  Don’t ask… Act!!!!! ACTION will Define You.
  3. Never Hesitate to hold out Your Hand,  Never Hesitate to Accept the outstretched hand of others.
  4. Magic is believing in yourself, If you can do that, then you can make anything happen.
  5. Don’t choose such people who have reached heights, Choose people who can hold you  when you fall from Heights … Because Loyal is better than Royal.
  6. Let us Dreams be bigger than Your Fears and Let Your Actions be Louder than Your Words.
  7. People don’t Judge You by “What you believe” , by “What You are doing”.      No Matter “What you said”, You are being defined by “What You do” .    
  8. Expectations from others …. May hurt many a times, But Expectation from your Own always Inspire You…. Make You Go Ahead.!!      
      Last Day of 2013 say BYE BYE to the Blessed Year and  HELLO to SUNSHINE YEAR 2014.
    And Last a Little Prayer:
 “Dear God, I want to take a minute not to ask for anything from you, but Simply to thank you for all  I have”
  All the Best !!!!

बनाये 2014 को अपनी जीवन का अहम साल

2013 बीत  चुका  है … so let’s welcome year 2014. 

तो चलिये जानते हैं   “अहम  का  मतलब  क्या  है ?
अहम .... कुछ   “ बडा “.....  जो  शायद  आप  बहुत  पहले  से  पाना  चाहते  होंगे , जिसके  बारे  में  सोचते  होंगे पर उसे  पा  नहीं  पाते  होंगे ।  आपके  लिए  बड़ा  क्या  है  ये  सिर्फ आप तय करेंगे …हो  सकता  है  ये  औरों  की  नज़र  में  छोटा  हो , ये  बस  आपके  लिए  बड़ा  होना  चाहिए …!!

For example:
किसी  के  लिए  बड़ा  हो  सकता  है, अपना  business start करना, किसी  के  लिए  exam में  top करना ,किसी  के  लिए क्रिकेट टीम में स्लैक्ट होना. . किसी  के  लिए entrance exam clear करना .....जो  भी  आपके  लिए  बड़ा  है  उसे  अपने जीवन का लक्ष्य (goal)  बना लो।
और
हमें अपने सपनो का हमेशा पीछा करना चाहिए, और ये सुनिश्चित करना चाहिए कि हम कोई शॉर्टकट ना खोजें। रास्ता चाहे मुश्किल हो सकता है , लेकिन हमें कभी हार नही माननी चाहिये, कोशिश करते रहना चाहिये।

ओर इसके लिए आपको करने पडेंगे Goal Settings :

तो लक्ष्य (Goal) का  मतलब  क्या  होता  है : जो
 - स्पष्ट (Specific)
 - जिसे मापा जा सके (Measurable)
 - पूर्ण करने योग्य (Achievable)
 - वास्तविक (Realistic)
- समय में बंधा हुआ (Time-bound)


1)  स्पष्ट    : आपका  लक्ष्य  बिलकुल  स्पष्ट  होना  चाहिए . अगर  कोई  कहता  है  कि  उसे  “अच्छे  अंक लाने  हैं ” तो  ये  बात स्पष्ट  नहीं  होती  कि  वो  किस  Subject या  exam की  बात  कर  रहा है  . और  अच्छे  से  क्या  मतलब  है ? किसी  के  लिए  100    में  80 अच्छा  हो  सकता  है  किसी  के  लिए  100   में  60 भी  अच्छा  हो  सकता  है .यानि  वो  अपने  लक्ष्य  को  लेकर  स्पष्ट नहीं  हैं ,  तो  उसमे सफल होने  की  बात  ही  नहीं  उठती .

2)  जिसे मापा जा सके  : आपका लक्ष्य ऐसा  होना  चाहिए  जिसे  किसी  पैमाने  पर  मापा  जा  सके. उदाहरन के तौर पर , यदि  कोई  कहता  है  की  उसका  लक्ष्य दौड कम से कम समय में पूरी करना है  तो  सवाल  उठता  है  की  कितने समय मे पुरी  करना  है . जैसे कि 30sec में 200m पूरा करना। जब लक्ष्य  के  साथ  जब  अंक(numbers) जुड़  जाते  हैं  तो  आप  अपनी तरक्की का  नाप (measure ) कर  सकते  हैं .  .

3)  पूर्ण करने योग्य : यदि  आप  कोई  ऐसा  लक्ष्य बनाएँगे  जो  अन्दर  से  आपको  ऐसी  आवाज दे  कि  भाई  ये  तो नही हो सकता है  तो  ऐसे  लक्ष्य  का  कोई  अर्थ  नहीं  है .यदि  आप  पूरे दृढ  निश्चय   से  कोई असंभव लक्ष्य बनायेंगे  तो  आपके  लक्ष्य पूरा  होने  के अवसर बड जाएंगे।  उदाहरन, आप  निश्चय  करते  हैं  कि  मुझे  Maths में  100 number लाने  हैं  और  आपका पहले वाला record बताता  है  कि  आप  मुश्किल  से  ही  इस  subject में  पास  होते  हैं  तो  तुरंत  ही  आपका  मस्तिष्क  इसे  नकार  देगा  और  आप इस लक्ष्य मे सफल नहीं हो  पाएंगे . वहीँ   अगर  आप  75% marks लाने  की  सोचते  हैं  तो  आपके  सफल  होने  की  संभावना  कहीं  अधिक  होगी .

4)   वास्तविक : आपका लक्ष्य आपके  लिए वास्तविक होना  चाहिए । जो लक्ष्य  वास्तविक है वो  पूर्ण करने योग्य हो सकता है, पर जो पूर्ण करने योग्य है वो वास्तविक भी हो ऐसा ज़रूरी नहीं है, Exam में  top करना  एक पूर्ण करने योग्य  लक्ष्य है , पर  यदि  आपने  शुरू  से  पढ़ाई  नहीं  की  है  और  अब  बस  exam में  कुछ ही दिन बचे  हैं  तो  ये सोचना बिल्कुल गलत होगा, की  आप  top करेंगे। हमेशा  अपनी योग्यता  के  अनुसार ही लक्ष्य बनाएं ।

5)  समय में बंधा हुआ : लक्ष्य के  साथ  अगर  आप  समय  सीमा  नहीं  निर्धारित  करेंगे  तो  आपको  उसमे सफलता प्राप्त करने  की जरुरत  महसूस नही  होगी  और  आप  उसे  पूरा  करने  के  लिए  सही  प्रयत्न भी नहीं  कर  पायेंगे । इसीलिए लक्ष्य  बनाते  वक़्त  ये  निश्चय  करना  कि  इसे  कब  तक  खत्म करना  है . बहुत से लोग ये  कहते  है  कि  मुझे  business start करना  है , पर  ये  बहुत  कम  ही सुनने  में  आता  है  कि  मुझे  इस  साल  के  इस  महीने  से  business start करना  है।

इसी तरह हमे अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए चाहिए सही Time Management.

और  अगर  आप  अभी  तक  अपने  “बड़े  काम  की  तरफ  नहीं  बढें  हैं  तो  आप  भी  अपनी  Life की  journey एक  step के  साथ  शुरू  कीजिये,  और  जब  बाद  में  आप  पीछे  मुड़  कर  देखेंगे  तो  महसूस  करेंगे  कि  2014 आपकी  ज़िन्दगी  का  सबसे  बड़ा  साल था।

"TIME IS LIFE.
TO WASTE YOUR TIME IS TO WASTE YOUR LIFE;
TO MANAGE YOUR TIME IS TO MANAGE YOUR LIFE."


All the best !